सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

!! गोल्ज्यू (गोलू) देवता की आरती !!

!! ॐ श्री 1008 गोल्ज्यू (गोलू) जी की आरती !!




ॐ जय-जय गोल्ज्यू महाराज, स्वामी जय गोल्ज्यू महाराज ।
कृपा करो हम दीन रंक पर, दुख हरियो प्रभु आज ।।ॐ।।

राज झलराव के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान ।

सब देवों में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ।। ॐ जय ।।

भान धेवर में धर्म पुत्र बनकर, काठ के घोड़े में चढ़ कर ।

दिखाये कई चम्तकार किया सभी का उद्धार ।। ॐ जय।।

जो भी भक्तगण भक्त भाव से, गोल्ज्यू दरबार में आये ।

शीश प्रभु के चरणों मे झुकाये, उसकी सब बधाये ।

और विघ्न गोल्ज्यू हर लेते । ।। ॐ जय ।।

न्याय देवता है प्रभु करते है इंसाफ ।

क्षमा शांति दो हे गोल्ज्यू प्रमाण लो महाराज ।।ॐ जय ।।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे, प्रभु भक्ति सहित गावे ।
सब दुख उसके मिट जाते, पाप उतर जाते ।। ॐ जय ।।


। बोलो न्याय देवता श्री 1008 गोल्ज्यू देवता की जय ।



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उत्तराखंड के लोक देवता नरसिंह देवता

उत्तराखंड के लोक देवता नरसिंह देवता नमस्कार दगड़ियों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड गढ़वाल के शक्तिशाली लोक देवता नरसिंह देवता के बारे में बताएंगे। नरसिंह देवता मंदिर   हिंदू ग्रन्थों के अनुसार नरसिंह देवता भगवान विष्णु जी के चौथे अवतार थे। जिनका मुँह सिंह का और धड़ मनुष्य का था जो हिंदू ग्रन्थों में इसी रूप में पूजे जाते हैं। परन्तु उत्तराखंड में नरसिंह देवता को भगवान विष्णु के चौथे अवतार को नही पूजा जाता, बल्कि एक सिद्ध योगी नरसिंह देवता को पूजा जाता है। नरसिंह देवता इनकी जागर के रूप में पूजा की जाती हैं। नरसिंह, नारसिंह या फिर नृसिंह देवता का उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में चमोली जिलें के जोशीमठ में मंदिर स्थित हैं। जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार को समर्पित हैं। परंतु इनका सम्बंध उत्तराखंड में जागर के रूप में पूजे जाने वाले नरसिंह देवता से नहीं है। क्योंकि जोशीमठ नृसिंह भगवान मंदिर में भगवान विष्णु अपने चौथे अवतार में पूजे जाते है, जो कि मुँह से सिंह और धड़ से मनुष्य रूप में हैं। परंतु उत्तराखंड के लोक देवता नरसिंह देवता जिन रूप में जागर के माध्यम से पूजे जाते है, वो ...

श्री गोल्ज्यू चालीसा

श्री गोल्ज्यू चालीसा दोहा- बुद्धिहीन हूँ नाथ मैं, करो बुद्धि का दान। सत्य न्याय के धाम तुम, हे गोलू भगवान।। जय काली के वीर सुत, हे गोलू भगवान। सुमिरन करने मात्र से, कटते कष्ट महान।। जप कर तेरे नाम को, खुले सुखों के द्वार। जय जय न्याय गौरिया नमन करे स्वीकार।। चौपाई- जय जय ग्वेल महाबलवाना। हम पर कृपा करो भगवाना।। न्याय सत्य के तुम अवतारा। दुखियों का दुख हरते सारा।। द्वार पे आके जो भी पुकारे। मिट जाते पल में दुख सारे।। तुम जैसा नहीं कोई दूजा। पुनित होके भी बिन सेवा पूजा।। शरण में आये नाथ तिहारी। रक्षा करना हे अवतारी।। माँ की सौत थी अत्याचारी। तुमको कष्ट दिये अतिभारी।। झाड़ी में तुमको गिरवाया। विविध भांतिथा तुम्हे सताया।। नदी मध्य जल में डुबवाया। फिर भी मार तुम्हें नहीं पाया।। सरल  हृदय  था धेवरहे का। हरिपद रति बहुनिगुनविवेका।। भाना नाम सकल जग जाना। जल में देख बाल भगवाना।। मन प्रसन्न तन कुलकित भारी। बोला जय हे नाथ तुम्हारी।। कर गयी बालक गोद उठायो। हृदय लगा किहीं अति सुख पायो।। मन प्रसन्न मुख वचन न आवा। मन हूँ महानिधि धेवर पावा।। उरततेहि शिशु द्रिह ले आयो। नाम गौरिया तब रखवा...