एड़ी देवता|Aidi Devta|कुमाऊँ उत्तराखंड हेलो दोस्तो अगर आपको कुमाऊँ के एड़ी देवता के बारे में जानना है तो आप हमारी पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ना। जय एड़ी देवता। कहते है कि एक राज्य में एक राजा राज्य किया करते थे वो राजपूत मर कर भूत बने और वो ही एड़ी देवता के रूप में कुमाऊँ में पूजे गए। एड़ी देवता के साथ बकरी, परियां, हाथी, कुत्ते चलते हैं।और एड़ी देवता शिखरों में रहते हैं। पांव पीछे को होते हैं। ये भी पड़े- हरू (हरजु) देवता, कुमाऊँ| उत्तराखंड ऐड़ी देवता भी ग्वेल की भांति कूर्मांचल का लोकप्रिय देवता है। लोक विश्वास है कि वह प्रतिदिन रात्रि में अपने क्षेत्र का भ्रमण करता है और उसे सब प्रकार की दैहिक, दैविक और भौतिक आपदाओं से मुक्त करता है। ऐड़ी से सम्बन्धित यहां दो तरह की लोक कथाएं सुनी जाती हैं। यह भयंकर आकृति प्रतिकारक स्वभाव वाला वन देवता माना जाता है। चार भुजाओं, धनुषबाण, लौहदण्ड और त्रिशूल युक्त है। जागर के अनुसार ऐड़ी का रूप नितान्त भिन्न है। वह हटी, अल्हड़ और आखेट प्रेमी है। ये सभी बातें विश्वास से परे और अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। ऐड़ी कत्यूरी काल में अवश्य कोई भड़, योद्धा या सि...
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