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धानाचूली गाँव कुमाऊँ उत्तराखंड

धानाचूली गाँव कुमाऊँ उत्तराखंड

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका जय उत्तराखंडी संचार में आज हम आपको जय उत्तराखंडी की इस पोस्ट में कुमाऊँ में स्थित धानाचूली गाँव की खूबसूरती से रूबरू करायेंगे।

धानाचूली गाँव उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल में नैनीताल जिले में स्थित है।
उत्तराखंड के कुमाँऊ मंडल में यू तो बहुत से हिल स्टेशन है जहाँ बड़ी संख्या में सैलानी हर साल घूमने जाते है। ऐसा ही एक हिल स्टेशन नैनीताल में एक गाँव धनाचूली पिछले कुछ वर्षों में सैलानियों को काफी पसन्द आ रहा है।


धानाचूली गाँव में सेब के बागानों, ठंडी आबोहवा और हिमालय की 180 डिग्री की रेंज आपको को मंत्रमुग्ध कर देती है, नैनीताल जिले मुख्यालय से धनाचूली गाँव करीब 46 किमी की दूरी पर बसा है। जंहा घने जंगलों से होते हुए सेब के बगीचों में स्थित धनाचूली गाँव एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

धनाचूली गाँव की आबोहवा रामगढ़ और मुक्तेश्वर जैसी है, स्थानीय लोग धनाचूली को मिनी यूरोप कहते है। केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नही बल्कि कुमाऊँ की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी यहाँ दिखाई देती है। गाँव में मकान दूर दूर बनाये गए है। मकानों में लकड़ियों पर की गई नक्काशी देखते ही बनती है।

धनाचूली के आस पास कई हिल स्टेशन है। यहाँ से आप पहाड़पानी , डोल आश्रम , भालुगाड , चाफी , परिताल , मुक्तेश्वर और एशिया की सबसे लंबी दुरबीन देखने के लिए देवस्थल भी जा सकते है। धनाचूली गाँव में आपको कई रंग दिखाई देते है। बसंत ऋतु में आडू , पुलम , सेब खुमानी में रंग बिरंगे फूलों से पूरा गाँव महकता है जुलाई से यहाँ हरियाली की चादर बदलने के साथ अठखेलियां करती है । 

ग्रामीण परिवेश की झलकियां आपको धनाचूली में दिखाई देंगी। हरे भरे खेतो के बीच फलों के बगीचे काफी आकर्षित करते है। कुमाऊं की कई पारंपरिक भवन आपको देखने को मिलेंगे जो गर्मियों में ठंडे और सर्दियों में गर्म होते है। इस गाँव में आपको लोग अपने खेतों और बगीचों में कार्य करते हुए आपको दिखाई देंगे। बरसात के बाद जब मौसम साफ होता है तो अक्टूबर , नवम्बर में आप धनाचूली से पंचाचूली , त्रिशूल , नंदादेवी हिमालय को गगनचुंबी पर्वतों को निहार सकते है। धनाचूली गाँव से नेपाल हिमालय भी दिखाई देता है ।




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