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उत्तराखंड राज्य में जल - विद्युत परियोजनाएँ

उत्तराखंड राज्य में जल - विद्युत परियोजनाएँ




उत्तराखंड राज्य शासन में जल - विद्युत उत्पादन की अनन्त सम्भावनाओं को देखते हुए इसे देश का भावी पावर हाउस माना जाने लगा है। जो परियोजनाएँ एक दशक से अधिक समय से बन्द पड़ी थी, उन्हें पुनः शुरू कराने का एक अभियान उत्तराखंड राज्य में आरम्भ कर दिया है। ऊर्जा प्रदेश के रूप में उत्तराखंड राज्य को परिवर्तित करने के लक्ष्य के साथ वर्तमान में 4,171.30 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। 

रन ऑफ रिवर तकनीक-

यह सुरंग प्रणाली है, जिसका प्रयोग वर्तमान में उत्तराखंड राज्य की जल - विद्युत परियोजनाओं में किया जा रहा है। इस तकनीक में नदियाँ प्राकृतिक मार्ग के बजाए सुरंगों के माध्यम से अपना रास्ता तय करती हैं। इस तकनीक के प्रयोग से पर्यावरणीय समस्याओं में कमी आती है व गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है।

उत्तराखण्ड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेण्ट एजेंसी           ( UREDA )-

उत्तराखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेण्ट एजेंसी की स्थापना विशेष तौर पर पुनः उपयोग की जाने वाली ऊर्जा, जिसमें पानी, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा शामिल है के प्रयोग को विकसित करने के लिए की गई थी। इसका मुख्यालय उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिलें में है और उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों में इसके कार्यालय इस एजेंसी ने अभी तक 13 लघु जलविद्युत परियोजनाओं को निर्मित करवाया है, जिनकी कुल क्षमता 2.09 मेगावाट है, जिससे 162 गांवों को बिजली प्राप्त हो रही है और इससे करीब 12,388 लोगों के घर रोशन हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त एजेंसी 11 और लघु जल विद्युत परियोजनाओं को अना रही है, जिनसे 1.37 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 16 गांवों को बिजली मिल सकेगी। वर्ष 2009 के अन्त तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 25,000 मेगावाट क्षमता की नई परियोजनाएँ चिड़ित की जा चुकी थी, जिनमें से लगभग 12,716 मेगावाट की 59 नई परियोजनाएं निर्माणाधीन थी, जिनमें से लगभग 6.194 मेगावाट को पार्टी योजना के अन्त तक ही चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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