Ads Top

नंदा देवी नेशनल पार्क | उत्तराखंड

नंदा देवी नेशनल पार्क, उत्तराखंड

नंदा देवी नेशनल पार्क उत्तराखंड, राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में हुई थी। यह उत्तरी भारत में उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की चोटी (7816 मी) पर स्थित है। वर्ष 1988 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया था। 

वर्ष 1982 में एक अधिसूचना द्वारा उद्यान की स्थापना संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर की गई थी लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया। इस उद्यान में 17 दुर्लभ प्रजातियों समेत फूलों की कुल 312 प्रजातियां हैं। देवदार, सन्टी/ सनौबर, रोडोडेंड्रन (बुरांस) और जुनिपर यहां की मुख्य वनस्पतियां हैं। 


नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यानः तथ्यों पर एक नजरः   

राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में हुई थी। 
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी उत्तरांचल (चमोली जिला) में (30° 41' से 30° 48'उ  और 79° 33' से 79° 46' पू) स्थित है। दिल्ली से यह करीब 300 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है।

नंदा देवी की ऊंचाई 7,816 मी (25,643 फीट) है।
ब्रह्म कमल और भारल (नीली पहाड़ी बकरी) जैसे वनस्पतियों और जीव–जन्तुओं से भरा यहां का सुंदर वातावरण प्राकृतिक अभयारण्य के तौर पर प्रसिद्ध है।   

सर एडमंड हिलेरी ने अपनी आत्मकथा में इसकी व्याख्या इस प्रकार की थी, " नंदा देवी अभयारण्य भारत को साहसिक कार्य के लिए ईश्वर द्वारा उपहार स्वरूप दिया गया प्रशिक्षण स्थल है"।

वर्ष 1988 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया था।
वर्ष 1982  में इसकी स्थापना संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर की गई थी लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।

इस उद्यान में फूलों की करीब 312 प्रजातियां  हैं जिसमें से 17 दुलर्भ प्रजातियों के फूल यहां पाए जाते हैं। देवदार, सन्टी/ सनौबर, रोडोडेंड्रन (बुरांस) और जुनिपर यहां की मुख्य वनस्पतियां हैं। 

सामान्य विशाल स्तनधारियों में हिमालय कस्तूरी मृग, मेनलैंड सीरो और हिमालयी तहर हैं। मांसाहारी जीवों में हिम तेंदुआ, हिमालयन ब्लैक बीयर और शायद भूरे भालू भी हैं।

सूखेपन की वजह से अभयारम्य के भीतर वनस्पति कम हैं। नंदा देवी ग्लेशियर के पास पर्यटकों को वनस्पति नहीं मिलेगी। रमानी, अल्पाइन, प्रोन मॉसेस और लाइकेन्स नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाली फूलों की अन्य उल्लेखनीय प्रजातियां हैं।



यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

उच्च ऊंचाई पर होने के कारण, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की जलवायु अलग है। वर्ष के छह महीनों के लिए, क्षेत्र एक बर्फ की चादर के नीचे रहता है। शेष वर्ष के लिए, इस क्षेत्र में जून से अगस्त तक भारी वर्षा के साथ शुष्क जलवायु होती है। अप्रैल से जून ऐसे महीने होते हैं जब तापमान थोड़ा बढ़ जाता है और वे ऐसे महीने होते हैं जब कोई इस जगह पर जा सकता है।

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में कितने प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं
नंदा देवी राष्ट्रिय पार्क  में भारल, हिमालयी पक्षी, सरो, गोरल, हिम तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, भूरा भालू, तेंदुआ, लंगूर, हिमालयन कस्तूरी मृग, और भूरे रंग की प्रजातियों की पशु आबादी हावी है।

वारब्लेर्स, ग्रेसब्रेक्स, गुलाब की फ़िन्चेस और रूबी गला अविफ़ुना का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पार्क में लगभग 80 प्रजातियां पाई जाती हैं|






कोई टिप्पणी नहीं:

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

Blogger द्वारा संचालित.