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नंदीकुंड का रहस्य चमोली उत्तराखंड

नंदीकुंड का रहस्य चमोली उत्तराखंड

नमस्कार दोस्तो आज हम बात कर रहें हैं, नंदीकुंड के रहस्य के बारे में जो कि उत्तराखंड के चमोली जिले में हैं।
नंदीकुंड द्रोणागिरी गाँव से 4 किमी की दूरी पर स्थित है, यह एक सुंदर ग्लेशियर झील है। जो कि समुन्द्र तल से 14 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है।

नंदीकुंड

नंदीकुंड से गाँव के लोगो की बहुत आस्था जुड़ी हुई है।
नंदीकुंड ट्रेक पर आपको कई मखमली बुग्याल मिलते है, जो कि पैरो में बहुत ही मुलायम लगते है। सबसे पहले द्रोणागिरी से आगे आपको भोजपत्र और बुरांश की छोटी प्रजाति के पेड़ दिखाई देंगे उसके बाद पेड़ों की लाइन खत्म हो जाती है। और बरसाती मौसम में आपको यंहा रंग बिरंगे फूल और हर तरफ आपको हरियाली ही हरियाली दिखाई देगी। 


नंदीकुंड झील के पास आपको राड़ू डूंगा, कानगौर, हाथगैर और फिर नंदीकुंड बुग्याल पड़ता है। इस नंदीकुंड कि एक पौराणिक कथा भी है, पौराणिक मान्यता के अनुसार इस कुंड के पास ही माँ पार्वती ने महिसासुर से बचने के लिए इस नंदीकुंड में छुप गयी थी। जिस कारण नंदीकुंड का वह हिस्सा आज भी गर्म रहता है। और फिर इसी स्थान पर माँ पार्वती ने महिसासुर का वध किया था।


नंदीकुंड बरसात में अपने पूरे शबाब पर होती है, झील 50 मीटर लंबी और 40 मीटर चौड़ी है। इस कुंड के आस पास हत्था जड़ी, जटामासी, कूट, कुटकी, अतीस, सलाम पंजा, गोगल धूप, ब्रह्मकमल,फेन कमल, दुबकेस, नीलकमल और सूर्य कमल सहित कई जड़ी बूटियां मिलती है जिसकी सुगंध से आप मदहोश हो जाएंगे।


जड़ी बूटियां ही नही बल्कि अनेक उच्च हिमालय जीव जंतु भी इसके आस पास दिखाई देते है। इसमें भरल, मोनाल, याक, कस्तूति मृग और थार भी यहाँ पाये जाते है। यहाँ आने का सबसे बढ़िया समय सितंबर और अक्टूबर माह है।

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