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कसार देवी मंदिर, अल्मोड़ा उत्तराखंड | Kasar Devi Temple Almora Uttarakhand

कसार देवी मंदिर, अल्मोड़ा उत्तराखंड | Kasar Devi Temple Almora Uttarakhand


नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित कसार देवी मंदिर के बारे में बताएंगे।

कसार देवी मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक गाँव में स्थित है। यह कसार देवी मंदिर माता कसार देवी को समर्पित है। स्वामी विवेकानंद जी ने सन 1890 में ध्यान के लिए कुछ महीनों के लिए यहां आए थे। बताया जाता है कि अल्मोड़ा से करीब 22 किमी दूर काकड़ीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की अनुभूति हुई थी।


कसार देवी में इसी तरह बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने गुफा में रहकर विशेष साधना की थी। हर साल इंग्लैंड से और अन्य देशों से अब भी शांति प्राप्ति के लिए सैलानी यहां आकर कुछ माह तक ठहरते हैं। कसार देवी के आसपास पाषाण युग के अवशेष मिलते हैं। अनूठी मानसिक शांति मिलने के कारण यहां देश विदेश से कई पर्यटक आते हैं।

स्वामी विवेकानंद जी ने 11 मई 1897 को अल्मोड़ा के खजांची बाजार में जन समूह को संबोधित करते हुए कहा था कि यह हमारे पूर्वजों के स्वप्न का देश है। भारत जननी श्री पार्वती जी की जन्म भूमि है। यह वह पवित्र स्थान है जहां भारत का प्रत्येक सच्चा धर्मपिपासु व्यक्ति अपने जीवन का अंतिम काल बिताने को इच्छुक रहता है।


कसार देवी मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि यहां पर देवी माँ साक्षात अवतरित हुई थी। कहा यह भी जाता है कि भारत में यह एकलौती ऐसी जगह है जहां चुंबकीय शक्ति पाई जाती है। दरअसल मंदिर के आसपास की जगह ऐसी है जहां धरती के अंदर विशाल भू-चुंबकीय पिंड पाए जाते हैं। जानकारों के मुताबिक कसारदेवी मंदिर के आसपास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है। इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है जिसे रेडिएशन भी कह सकते हैं।

कसार देवी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां सच में कई शक्तियां मौजूद हैं। जिस कारण नासा के वैज्ञानिक भी यहां के बारे में कई तरह की शोध कर चुके है लेकिन आज भी कोई वैज्ञानिक इस मंदिर के रहस्य को सुलझा नहीं पाया है। वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए शोध के मुताबिक, अल्मोड़ा के इस मंदिर और दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में एकदम अनोखी और अद्भुत चमत्कारिक समानताएं पाई गई हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस कारण ही इस जगह को अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है, जहां मानसिक शांति का अनुभव किया जा सकता है। कसार देवी मंदिर परिसर में जी पी एस 8 केंद्र चिह्नित किया गया है, इस संबंध में अमेरिका की संस्था नासा ने ग्रेविटी पॉइंट( चुंबकीय केंद्र) के बारे में बताया है। मुख्य मंदिर के द्वार के बाईं ओर नासा के द्वारा यह स्थान चिह्नित करने के बाद ही GPS 8 लिखा गया है।





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