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उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार कौन - कौन से है?

उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार कौन - कौन से है?


नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहारों के बारे में बताएंगे।



उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार-

1. मकर संक्रांति ( घुघुतिया त्यौहार )-

यह त्योहार कुमाऊँ क्षेत्र में माघ माह की 1 गते ( जनवरी ) को मनाया जाता है। स्थानीय भाषा में घुघुतिया त्यौहार या ' घुघुती ' त्यार या ' काले - कौआ त्यौहार भी ' कहा जाता है। इस त्यौहार में आटे के घुघुत बनाये जाते हैं व बच्चे इन घुघुत को कोऔं को खिलाते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे ' खिचड़ी ' त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

2. घी - संक्राति ( ओलगिया )-

यह त्यौहार भादों ( भाद्रपद ) महीने 1 गते ( संक्राति ) को मनाया जाता है। इस दिन पूरे उत्तराखंड खाना शुभ माना जाता है। घी त्योहार फसल में बलिया लग जाने पर मनाया जाता है। इस दिन सब लोग घी खाते है।

3. फूल संक्राति ( फूलदेई )- 

फूलदेई त्यौहार चैत्र मास के 1 गते ( हिन्दू वर्ष का प्रथम दिन ) को मनाया जाता है। इस दिन बच्चे घर घर जाकर देहरी पर फूलों को रखते हैं।

4. बिखोती ( विषुवत संक्राति )-

बिखोती त्यौहार बैशाख माह के प्रथम दिन मनाया जाता है। 

5. हरेला त्यौहार-

हरेला त्यौहार श्रावण माह की पहली गते को मनाया जाता है। हरेले से कुछ दिन पहले हरियाली डाली जाती है व 1 गते को हरियाली ( हरेला ) को काटकर देवी देवताओं को चढ़ाते हैं।

6. खतड़वा त्यौहार-

खतड़वा त्यौहार कुमाऊँ क्षेत्र में अश्विन माह की संक्राति को मनाया जाता है। खतड़वा त्यौहार को पशुओं का त्यौहार या गो त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग चीड़ व अन्य वृक्षों की शाखाओं को काटकर सुखी घास - फूस को इकठ्ठा किया जाता है जिसे ' खतडुवा ' कहते हैं एक गते को खतडुवा को जलाया जाता हैं।

7. चैतोल त्यौहार- 

चैतोल त्यौहार में चैत माह की अष्टमी को देवल देवता ( शिवजी के अंश ) की अर्चना की जाती है।

8. आँठू- 

यह त्यौहार भाद्रपद मास की सप्तमी व अष्टमी को मनाया जाता है। इस त्यौहार में चांचरी नृत्य का आयोजन किया जाता है। इस त्यौहार में गोरा - महेश्वर की पूजा की जाती है।

9. कलाई-

यह त्यौहार कुमाऊँ में फसल काटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 

10. जागड़ा त्यौहार- 

यह महासू देवता का त्यौहार है। यह भाद्र मास को मनाया जाता है।

11. नुणाई त्यौहार- 

नुणाई त्यौहार श्रावण मास में मनाया जाता है। यह जौनसार बाबर क्षेत्र का प्रमुख त्यौहार है।

12. भिरोली- 

यह त्यौहार संतान कल्याण हेतु मनाया जाता है। 

13. दीपावली ( बग्वाल )- 

इस त्यौहार में भैला - खेल खेला जाता है। थारू जनजाति में इसे शोक पर्व के रूप में मनाया जाता है।

14. रक्षा बन्धन-

रक्षा बन्धन त्यौहार को गांव में ' जन्मो - जन्यो ' भी कहा जाता है। और यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। और रक्षा बन्धन त्यौहार में बहनें अपने भाई को राखी बांधती है।

15. बैसी त्यौहार

13. सारा त्यौहार






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