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उत्तराखंड राज्य के प्रमुख बुग्याल

उत्तराखंड राज्य के प्रमुख बुग्याल


नमस्कार दगड़ियों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड राज्य के प्रमुख बुग्याल के बारे में बताएंगे।



उत्तराखंड राज्य के प्रमुख बुग्याल-

• सतोपंथ, घसतोली, रताकोण, लक्ष्मीबन-  ये सभी बुग्याल चमोली के अंतिम गांव माणा से ऊपर है। 

• नंदनकानन - यह फूलों की घाटी के ऊपर हैं। 

• फूलों की घाटी- चमोली ( जोशीमठ - बद्रीनाथ मार्ग पर, यह नर एवं गंध मादन पर्वतों के मध्य के भ्यूंडार घाटी में स्थित है, भ्यूंडार गंगा पार्क तथा स्माइथ पार्क इसके अन्य नाम है, ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्माइथ ने इसकी खोज 1931 में की थी।

• औली-  चमोली ( जोशीमठ से 15 किमी. दूर ), साहसिक पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध, नंदादेवी, कामेट, माणा, द्रोणागिरि, नीलकंठ तथा हाथी - गौरी पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा, यह बुग्याल एशिया का सुन्दरतम ढाल वाला स्कीइंग केन्द्र है, यहाँ स्कीइंग हेतु विदेशी लोग भी आते हैं। 

• गुरसो- औली के पास, यहाँ हाथी पर्वत है। 

• चित्रकांठा- चमोली 

• क्वारी- चमोली ( विरही के ऊपर ) 

• चौफिट शिखर- चमोली ( मलारी के पास ) 

• कल्पनाथ- चमोली ( बद्रीनाथ मार्ग पर ) 

• कैला- यह बुग्याल बद्रीनाथ के चारों ओर फैला है। 

• बगजी- चमोली, पिंडर और कैल के बीच, यहाँ से हिमालय का सबसे भव्य दर्शन होता है। 

• रूपकुण्ड- चमोली, यहाँ फेणकमल पुष्प अधिक मिलते है। 

• बेदिनी- सबसे बड़ा बुग्याल, चमोली ( रूपकुण्ड के पास ), इसे वेदों का प्रणयन स्थल माना जाता है, यह सुन्दर मखमली घासों के लिए भी प्रसिद्ध है। 

• अली- चमोली-रुद्रप्रयाग ( ओखीमठ व गोपेश्वर के बीच )

• केदार कांठा- उत्तरकाशी, मखमली घास 

• मानेग- उत्तरकाशी ( सरताल के पास ) 

• हर का दून- उत्तरकाशी, बंदरपुंछ ढाल पर, टोन्स उद्गम, मखमली घास 

• सोनगाड़ ( छायागाड़ )- उत्तरकाशी 

• देवदामिनी- यमुनोत्री के पास 

• दयारा- उत्तरकाशी, शीतकाल में स्कीइंग प्रशिक्षण केन्द्र, पर्वतरोही चन्द्रप्रभा संतवाल ने इसे पर्यटन मानचित्र पर लाया। 

• कुश कल्याण- उत्तरकाशी, सुरम्य बुग्याल, कोटालों की हारी नाम 

• पंवाली कांठा- उत्तरकाशी, 17 वर्ग किमी में कई प्रकार की जड़ी - बूटियों के कारण इसे सुरक्षित जैव पार्क घोषित किया गया है। 

• तपोवन- गोमुख के पास उत्तरकाशी 

• केदार खर्क- गोमुख के निकट 

• मासरताल- सहस्त्रताल- टिहरी ( बूढा़केदार से चढ़ाई पर ) 

• जौराई- टिहरी ( सहस्त्रताल के आगे ) 

• अप्सराओं ( कोटली )- टिहरी ( कुश कल्याण के आगे पांडवों की चोटी के पास ) 

• खतलिंग- टिहरी ( खारसोली से पहले, रीह के पास ) 

• खारसोली- टिहरी ( टिहरी के एकदम उत्तर ) 

• मदमहेश्वर- रुद्रप्रयाग, कसनी खर्क नाम भी 

• चोपता- रुद्रप्रयाग में 

• बर्मी- रुद्रप्रयाग के निकट 

• कफनी- बागेश्वर ( पिण्डारी ग्लेशियर के पास ) 

पिण्डारी, नामिक, जोहार, खलिया, छिपलाकोट, रहाली, लड़ीपांगती, थाला आदि बुग्याल पिथौरागढ़ जिले में हैं।

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