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हरीशताल ओखलकांडा, (नैनीताल) उत्तराखंड

हरीशताल ओखलकांडा, (नैनीताल) उत्तराखंड 

नैनीताल उत्तराखंड की दो ऐसी अनछुई तालें जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है, इन तालों के नाम हरीशताल और लोहाखाम ताल है।
आज हम यहां पर हरीशताल के बारे में बात करेंगे। 

हरीशताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक में स्थित है। हरीशताल हल्द्वानी से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां खुटानी से धनाचूली होते हुए ओखलकांडा में हरीशताल तक पहुँच सकते है। 

हरीशताल
यहां पर एक लोहाखाम ताल भी हैं जो कि हरीशताल से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यहां पर एक लोहाखाम बाबा का मंदिर भी है जिस पर गांव वालों की बहुत आस्था और मान्यता है, यहां पर लोहाखाम देवता की पूजा की जाती है। कहते है कि लोहाखाम ताल की उत्पत्ति लोहे के कारण हुई थी इसलिए इसका नाम लोहाखाम ताल पड़ा।

लोहाखाम ताल
हरीशताल की सुंदरता बहुत ही मनमोहक कर देने वाली है, हरीशताल चारों ओर पहाड़ व घने हरे-हरे पेड़ों से घिरी हुई है। जो कि बहुत ही सुंदर दृश्य को दर्शाता है, और हरीशताल के हरे स्वच्छ पानी की सुंदरता बहुत ही मनमोहक है। और सबसे सुंदर यहां पर गाँव लोगो के घर जो की पुराने जमाने के समतल पत्थरों से बने हुए है। जो कि इसको और सुंदर बनाता है।

हरीशताल
हरीशताल के बारे में लोग कहते है कि इस ताल में एक प्राचीन गाँव डूबा हुआ है। यह एक बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है लेकिन इसके बारे में अभी बहुत कम लोग जानते है इसका कारण यहां के कच्चे रास्ते की वजह है, और रोड भी छोटी है व उसका डामरीकरण भी नही हुआ है, रास्ता बहुत खराब है।

हरीशताल प्रकृति की गोद में बसा हुआ सुंदर शांत वातावरण ठंडी-ठंडी चलती हवाये प्रकृति से भरा यह सौंदर्यं मन को बहुत ही सुकून देता है।

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