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शीतला माता मंदिर काठगोदाम, नैनीताल

शीतला माता मंदिर काठगोदाम, नैनीताल

नमस्कार दोस्तो, आज हम आप लोगो को अपनी इस पोस्ट में हल्द्वानी में स्थित शीतला माता मंदिर के बारे में जानकारी देंगे।

शीतला माता का मंदिर हल्द्वानी से लगभग सात किलोमीटर दूर नैनीताल रोड पर काठगोदाम नाम की जगह में स्थित है।
मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है, जो रोड से दस से पंद्रह मिनट की ऊपरी चढ़ाई पर स्थित है।


शीतला माता का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन, सुंदर और मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, शीतला माता मंदिर की बहुत ही मान्यताए है, हर साल यहाँ श्रद्धालु लोग शीतला माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते है
शीतला माता मंदिर प्रकृति की गोद में बहुत ही शान्त और शोन्दर्य से भरपूर शुद्ध वातावरण में एक मनमोहक दृश्य को प्रस्तुत करता है, मंदिर के चारो तरफ हरियाली ही हरियाली है, और मंदिर के आगे से बहुत ही सुंदर बगीचे भी हैं।


शीतला माता मंदिर में माता के मंदिर के अलावा और भी देवी देवताओं के मंदिर और मूर्तिया भी है, जो मंदिर को और भी मनमोहक करता है।

शीतला माता मंदिर का इतिहास-

शीतला माता मंदिर का इतिहास बहुत ही अद्धभूत है, कहते है कि कई साल पहले भीमताल नाम की जगह जो नैनीताल में ही स्थित है, वंहा के पंडित लोग बनारस में जाकर शीतला माता की मूर्ति को वंहा से लेकर भीमताल अपने गाँव में स्थापित करने के लिए ला रहे थे। जैसे ही वह यहाँ काठगोदाम में रानीबाग में पहुँचे तब बहुत रात हो चुकी थी और वंहा से आगे उस टाइम पहाड़ों से रस्ता बहुत कठिन था ततपश्चात उन्होंने रानीबाग के गुलाबघाटी में विश्राम करने का निर्णय किया।

रात में विश्राम करते समय एक व्यक्ति के सपने में शीतला माता ने दर्शन देकर मंदिर को यही स्थापित करने को कहा। और फिर उस व्यक्ति ने सुबह उठकर यह सपने वाली बात बताई तो बाकी लोगो ने उसकी बात का भरोसा नहीं किया और उसके सब साथी यहाँ से मूर्ति ले जाने लगे तो मूर्ति को हिला तक नहीं पाये तब जाकर बाकी पंडितों को मंदिर स्थापित करने के सपने का भरोसा हुआ उसके बाद माता द्वारा बताई गई जगह पर मूर्ति स्थापित कर दी गयी जो कि काठगोदाम में शीतला देवी माता के नाम से विख्यात है।


शीतला देवी माता मंदिर की यह मान्यता है कि जो भी कोई यहाँ सच्चे मन से मन्नत माँगता है तो उसकी मन्नतें माता जरूर पूर्ण करती है, कहते है कि जब छोटे बच्चो को छोटी माता बीमारी आती है तब बच्चो को शीतला माता मंदिर में ले जाने से उनकी बीमारी ठीक हो जाती है, कहते है शीतला माता उनकी शीतलता प्रदान करती है।


शीतला माता की जय।

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