श्री साईबाबा की आरती
श्री साईबाबा की आरती
जय गुरु साई प्रभु , ॐ जय गुरु साई प्रभु !
सत्चित् आनंद रूपा ( 2 ) तुझको मैं बंदू ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
पतितपावन देव , करुणासागर तू , गुरु ( 2 ) ।
करुणामय तुझ दृष्टि ( 2 ) मिले मुक्ति सबको ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
किये हैं कार्य अनेक , भक्तजनों के लिये , गुरु ( 2 )
ब्रह्मानंद म्हाले मानव - पंखेरा ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
तेरे अमी लोचनिये से बरसे ब्रह्मसुधा , गुरु ( 2 )
दृष्टि दैवी मिले भवसिंधु तरने ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
तोड़ी ग्रंथि अनेक ज्ञान के दान दिये , गुरु ( 2 )
मुझ अंतर से प्रगटे सद्गुरु साई हरि ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
तू ही विरंचीनाथ , तू ही सृष्टिकर्ता , गुरु ( 2 )
तू ही शंकरसंहता तू ही विश्वंभर्ता ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
विध विध रूप से नाथ , दर्शन तूने दिये , गुरु ( 2 )
ज्ञान प्रकाश बाबा तिमिर हर लिये ।
ॐ जय गुरु साई प्रभु०॥
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