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श्री कलबिष्ट डाना गोलू देवता की आरती

श्री कलबिष्ट डाना गोलू देवता की आरती




जय - जय - जय - जय कल बिष्ट भगवान ।  
बारम - बार देवा तुमुकैं परणाम ।। 

हाथ में मुरुली दात कान में पखायी रमटा । 
वीर पैग अवतारी हाया कल्याण बिष्टा ।। 

नर रूपी कल्याण हया भगवानु अवतार ।
कल बिष्ट भगवान लै करो चमत्कार ।। 

न्याय कारी दया दानी तुम देव दूता । 
कलयुगी अवतारी पैग वंशोंक पूता ।। 

दीन - दुखियों की सुण छाः पुकार ।  
दाणी - दाणी क कर छाः विचार ।। 

सबों का दुख देखी सबु करो काम । 
देवा म्यारा भगवान लीनू त्यर नाम ।। 

घर - घरों में देवा त्यर अवतार । 
चमत्कारी देव कैं मेरो नमस्कार ।।

तुम म्यारा माता - पिता तुम दगड़िया । 
सदा साथ ईष्ट देवा तुम म्यार रैया ।।  

मैं हुणी मेरा देवा सुफल है जया । 
लाटी - कायी सेवा कणिं ल्याख लगै दिया ।।

अवौध अनजान हम कसूर माफ किया । 
नादान अकल मेरी मेरी सेवा लिया ।। 

रति व्याव घड़ी - घड़ी करूं मैं त्यर ध्याना । 
ऐसी स्वर स्वती देवा बैठाया मनमा ।। 

जय - जय - जय ईष्ट भगवान । 
बारम- बार देवा तुमुकैं परणाम ।।



श्री कलबिष्ट डाना गोलू देवता की जय।


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