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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आरती श्री सूर्यनारायण जी की | Aarti Shree Suryanarayan Ji Ki

आरती श्री सूर्यनारायण जी की | Aarti Shree Suryanarayan Ji Ki जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव !  रजनीपति मदहारी, शतदल जीवनदाता ।  षटपद मन मुदकारी, हे दिनमणि ! ताता ।।  जग के हे रविदेव ! जय जय जय रविदेव ।  नभमण्डल के वासी, ज्योतिप्रकाश के देवा ।  निज जनहित सुखरासी, तेरी हम सब करें सेवा ॥  करते हैं रविदेव, जय जय जय रविदेव ।  कनक बदन मन मोहत, रुचिर प्रभा प्यारी ।  निज मंडल से मंडित, अजर अमर छवि धारी ।  हे सुरवर रविदेव ! जय जय जय रविदेव !  जय सूर्यनारायण जी जय।

आरती श्री बद्रीनारायण जी की | Aarti Shree Badrinarayan Ji Ki

आरती श्री बद्रीनारायण जी की | Aarti Shree Badrinarayan Ji Ki पवन मन्द सुगन्ध शीतल हेम मन्दिर शोभितम् । निकट गंगा बहत निर्मल, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  शेष सुमिरन करत निशदिन, धरत ध्यान महेश्वरम् ।  श्रीवेद ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  शक्ति गौरी गणेश शारद, नारद मुनि उच्चरम् ।  जोग ध्यान अपार लीला, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  इन्द्र चन्द्र कुबेर धुनि कर, धूप दीप प्रकाशितम् ।  सिद्ध मुनिजन करत जय - जय, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  यक्ष किन्नर करत वंदन, ज्ञान गन्धर्व प्रकाशितम् ।  श्री लक्ष्मी कमला चंवर ढोरें, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  हिम शिखर की अतुल शोभा, शिखर अति शोभावरम् । धर्मराज करत स्तुति, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥  श्री बद्रीनाथ के पञ्च रत्न, पढ़त पाप विनाशनम् ।  कोटि तीर्थ भवेत पुण्यं, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥ जय बद्रीविशाल जी  जय केदारबाबा जी

आरती श्री केदारनाथ जी की | Aarti Shree Kedarnath Ji Ki

आरती श्री केदारनाथ जी की | Aarti Shree Kedarnath Ji Ki आरती केदारनाथ जी की जय केदार उदार शंकर, मन भयंकर दुःख हरम् ।  गौरी गणपति स्कन्द नन्दी, श्रीकेदार नमाम्यहम् ।  शैल सुन्दर अति हिमालय, शुभ्र मन्दिर सुन्दरम् ।  निकट मंदाकिनि सरस्वती, श्रीकेदार नमाम्यहम् ।  उदक कुंड है अगम - पावन, रेतस कुंड मनोहरम् ।  हंस कुण्ड समीप सुन्दर, श्रीकेदार नमाम्यहम् ।  अन्नपूर्णा सह अपर्णा, काल भैरव शोभितम् ।  पंच पांडव द्रोपदी सह, जयकेदार नमाम्यहम् ।  शिव दिगम्बर भस्म धारी, अर्द्धचन्द्र विभूषितम् ।  शीश गंगा कण्ठ फणिपति, श्रीकेदार नमाम्यहम् ।  कर त्रिशूल विशाल डमरू, ज्ञान गान विशारदम् ।  मद्महेश्वर तुंग ईश्वर, रुद्र कल्प महेश्वरम् ।  पंच धान्य विशाल आलय, श्रीकेदार नमाम्यहम् ।  नाथ पावन अति विशालम्, पुण्यप्रद हर दर्शनम । जय केदार उदार शंकर, पाप हारी नमाम्यहम् । जय बद्री जय केदार जी।

उत्तराखंड के Best Tourist Place में से एक है धनोल्टी | Best Tourist Place Dhanolti Uttarakhand

उत्तराखंड के Best Tourist Place में से एक है धनोल्टी | Best Tourist Place Dhanolti Uttarakhand नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के Best Tourist Place धनोल्टी के बारे में बताएंगे। गर्मियों में अगर आप किसी ठंडे वाले हिल स्टेशन में घूमना चाहते है तो उत्तराखंड में बहुत से हिल स्टेशन है। जैसे नैनीताल, मुक्तेश्वर, मंसूरी, मुनस्यारी और कौसानी बहुत से हैं, परन्तु इनमे से उत्तराखंड में एक हिल स्टेशन है, धनौल्टी जो कि बहुत ही सुंदर और प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। धनौल्टी समुद्र तल से 2286 मीटर की ऊंचाई पर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित हैं। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है। यह जगह पर्यटकों के बीच इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यह मसूरी से काफी पास है, बल्कि सिर्फ 24 किलोमीटर दूर है। यहाँ से पर्यटक दून वैली के सुन्दर नज़ारे का मज़ा उठा सकते हैं। धनौल्टी आने वाले पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वह यहाँ गर्मी और ठण्ड के मौसम में आयें। इस दौरान यहाँ का मौसम काफी मनोरम रहता है।...

पहाड़ी होली कैसे मनाई जाती हैं? | Pahadi Holi Kaise Manai Jati Hai

पहाड़ी होली कैसे मनाई जाती हैं? | Pahadi Holi Kaise Manai Jati Hai नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में पहाड़ में पहाड़ी होली कैसे मनाते हैं, यह बताएंगे। होली का पर्व हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है। इसको अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह से इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसे ही होली के त्यौहार को उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं व गढ़वाल क्षेत्र में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। जिसे पहाड़ी होली कहते हैं। कुमाऊँनी होली - होली त्यौहार कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उसका काफी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व भी है। पहाड़ों के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण पर्व है क्योंकि इस दिन सर्दियों का अंत व बुवाई के मौसम की शुरुआत भी मानी जाती है। यह त्यौहार बसंत पंचमी के दिन शुरू होता है। कुमाऊ होली के तीन प्रकार हैं- खड़ी होली, बैठ की होली व महिला होली। इस होली के अंतर्गत सिर्फ अबीर गुलाल का टीका ही नहीं होता बल्कि बैठकी होली एवं खड़ी होली में गायन होता है। जिसके अंतर्गत लोकगीत गाने की भी शास्त्रीय परंपरा है। बसंत पंचमी के दि...

उधम सिंह नगर में घूमने की जगह | Udham Singh Nagar Me Ghumne Ki Jagah | Udham Singh Nagar Tourist Places In Hindi | Udham Singh Nagar Tourist Places | Uttarakhand

उधम सिंह नगर में घूमने की जगह | Udham Singh Nagar Me Ghumne Ki Jagah | Udham Singh Nagar Tourist Places In Hindi | Udham Singh Nagar Tourist Places | Uttarakhand नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उधम सिंह नगर में घूमने की जगह | Udham Singh Nagar Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बताएंगे। उधम सिंह नगर में घूमने की जगह - 1. गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब | Gurudwara Nanakmatta Sahib - श्री नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारा सिखों का एक पवित्र तीर्थ स्थल मंदिर है, नानकमत्ता साहिब उत्तराखंड के जिलें उधमसिंह नगर के खटीमा क्षेत्र में देवहा जल धरा के किनारे स्थित हैं। यह स्थान सिखों के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। नानकमत्ता गुरुद्वारे का निर्माण सरयू नदी पर किया गया है और नानक सागर डेम पास में ही स्थित है, जिसे नानक सागर के नाम से जाना जाता है।  2. पैराडाइज झील | The Lake Paradise - यह झील एक कृत्रिम झील है यह कल्याणी नदी के पास रुद्रपुर के केंद्र में एक हरा-भरा विकास है और साल भर कई पर्यटकों का आगमन यहाँ है। पिकनिक, मौज-मस्ती और मौज-मस्ती के लिए यह...

पिथौरागढ़ में घूमने की जगह | Pithoragarh Me Ghumne Ki Jagah | Pithoragarh Top 10 Beautiful Tourist Places In Hindi | Pithoragarh Tourist Places | Uttarakhand

पिथौरागढ़ में घूमने की जगह | Pithoragarh Me Ghumne Ki Jagah | Pithoragarh Top 10 Beautiful Tourist Places In Hindi | Pithoragarh Tourist Places | Uttarakhand नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में पिथौरागढ़ में घूमने की जगह | Pithoragarh Me Ghumne Ki Jagah के बारे में बताएंगे। पिथौरागढ़ जिला भारत के उत्तराखंड राज्य का सबसे पूर्वी हिमालयी जिला है। यह प्राकृतिक रूप से उच्च हिमालयी पहाड़ों, बर्फ से ढकी चोटियों, दर्रों, घाटियों, अल्पाइन घास के मैदानों, जंगलों, झरनों, बारहमासी नदियों, ग्लेशियरों और झरनों से घिरा हुआ है। क्षेत्र की वनस्पतियों और जीवों में समृद्ध पारिस्थितिक विविधता है। चंद साम्राज्य के उत्कर्ष काल में पिथौरागढ़ में कई मंदिर और  किलों का निर्माण हुआ था ।पिथौरागढ़ जिले की संपूर्ण उत्तरी और पूर्वी सीमाएं अंतरराष्ट्रीय हैं, यह भारत के उत्तर सीमा पर एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील जिला है। तिब्बत से सटे अंतिम जिला होने के कारण, लिपुलख, कुंगिबििंगरी, लंपिया धुरा, लॉई धूरा, बेल्चा और केओ के पास तिब्बत के लिए खुले रूप में काफी महत्वपूर्ण सामरिक महत्व है। पिथौरागढ़ में घूमने...