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मई, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गर्मियों में घूमने के लिए उत्तराखंड के बेस्ट हिलस्टेशन

गर्मियों में घूमने के लिए उत्तराखंड के बेस्ट हिलस्टेशन  नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में गर्मियों में घूमने के लिए उत्तराखंड के बेस्ट हिलस्टेशन के बारे में बताएंगे। दोस्तों अगर आप गर्मियों में उत्तराखंड घूमने आना चाहते हो तो इन हिलस्टेशन में जरूर घूमना। 1. नैनीताल- उत्तराखण्ड में स्थित नैनीताल भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है। यह नगर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। नगर के बीचों-बीच नैनी झील है, जिसके नाम पर ही इस नगर का नाम नैनीताल रखा गया है। नैनीताल हिमालय की कुमाऊँ पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। समुद्र तल से नैनीताल की कुल ऊंचाई लगभग 1938 मीटर (6358 फुट) है। नैनीताल की घाटी में नाशपाती के आकार की एक झील है जो नैनी झील के नाम से जानी जाती है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है तथा इसकी कुल परिधि लगभग दो मील है। 2. मसूरी- देहरादून से 38 किलोमीटर दूर मसूरी अपनी हरी पहाड़ियों और विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ, एक आकर्षक हिल स्टेशन है। यह उत्तर-पूर्व में हिमालयी बर्फ पर्वतमाला और...

ओखलकांडा नैनीताल के लोकचूली लोहाखाम धाम का विशेष महत्व

ओखलकांडा नैनीताल के लोकचूली लोहाखाम धाम का विशेष महत्व नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के ओखलकांडा नैनीताल के लोकचूली लोहाखाम धाम का विशेष महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त कराएंगे। ओखलकांडा ब्लॉक का ल्वाड़ डोबा और हरीशताल गांव धार्मिक व पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र पर्यटन के साथ ही पौराणिक व धार्मिक महत्व को भी समेटे हुए है। यहां लोकचूली लोहाखाम और लोहाखामताल धाम स्थित हैं, जिनकी पूरे ब्लॉक के लोगों में बहुत मान्यता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस धाम में मन्नत मांगता है, उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है।  यह मंदिर काठगोदाम से लगभग 50 किमी की दूरी पर है। यहां पर दो बहुत सुंदर झील भी हैं। जिनमें एक झील लोहाखामताल, जबकि दूसरी झील हरीशताल है। लोहाखाम ताल को क्षेत्र के लोग पवित्र कुंड मानते हैं और इसमें किये गए स्रान को गंगा स्रान के बराबर माना जाता है। दूसरी झील हरीशताल है। यह प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण हैं।  जो भागमभाग और चकाचौंध भरी जिंदगी से बहुत अलग है। लोहाखाम ताल से लगभग 3 किमी की चढ़ाई च...