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उत्तराखंड का सबसे रहस्यमयी मंदिर जहाँ लोग जाकर हो जाते है अंधे | Latu Devta Mandir Uttarakhand Most Mysterious Temple

उत्तराखंड का सबसे रहस्यमयी मंदिर जहाँ लोग जाकर हो जाते है अंधे | Latu Devta Mandir Uttarakhand Most Mysterious Temple   नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड का सबसे रहस्यमयी मंदिर जहाँ लोग जाकर हो जाते है अंधे | Latu Devta Mandir Uttarakhand Most Mysterious Temple के बारे में जानकारी प्राप्त कराएंगे। उत्तराखंड का सबसे रहस्यमयी मंदिर जहाँ लोग जाकर हो जाते है अंधे वो मंदिर लाटू देवता जी का हैं जो कि उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल विकास खंड के अंतिम गांव वाण में लाटू देवता का मंदिर है, इस मंदिर में पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं। क्योंकि कहा जाता हैं कि अगर कोई खुली आंखों से मंदिर के अंदर जाकर पूजा - अर्चना करने की कोशिश करेगा तो वह अंधा हो जायेगा।  इस मंदिर में लाटू देवता की पूजा होती है। किसी महिला या पुरुष का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में नागराज अद्भुत मणि के साथ रहते हैं, इतना ही नहीं, मंदिर को भीतर से आम लोग नहीं देख सकते क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि मणि की ...

अंग्यारी महादेव मंदिर | Angiyari Mahadev Temple

अंग्यारी महादेव मंदिर |  Angiyari Mahadev Temple नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में अंग्यारी महादेव मंदिर | Angiyari Mahadev Temple के बारे में जानकारी प्राप्त कराएंगे। अंग्यारी महादेव मंदिर चमोली और बागेश्वर जिले की सीमा पर स्थित है। यह पवित्र मंदिर चमोली जिले के ग्वालादम क्षेत्र में स्थापित है, तीर्थयात्री तलवाड़ी, ग्वालादम या गैरसैंण के रास्ते यहां पहुंच सकते हैं। सावन के महीने में यहां कई तीर्थयात्री आते हैं, जिनमें मुख्य रूप से स्थानीय गांव के लोग होते हैं। अंग्यारी महादेव मंदिर उत्तराखंड के घने जंगल ग्वालदम में स्थित है। इस पवित्र मंदिर में स्थानीय लोगों के लिए कई धार्मिक मूल्य हैं। इन आध्यात्मिक मूल्यों के साथ-साथ भगवान शिव के कई भक्त और ट्रैकिंग के शौकीन भी यहां आते हैं और भगवान भोलेनाथ के अद्भुत रूप के दर्शन करते हैं। अंग्यारी महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को 4-5 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। उत्तराखंड के इस पवित्र मंदिर के रास्ते में तीर्थयात्रियों को थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। आमतौर प...

कालू साई सिद्ध बाबा, कुमाऊं हल्द्वानी के रक्षक देवता हैं | यहां मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाने से पूरी होती है मन्नत

कालू साई सिद्ध बाबा, कुमाऊं हल्द्वानी के रक्षक देवता हैं | यहां मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाने से पूरी होती है मन्नत नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में कालू साई सिद्ध बाबा, कुमाऊं हल्द्वानी के रक्षक देवता हैं के बारे में जानकारी देंगे। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी शहर के बीचों बीच कालाढूंगी चौराहे पर कालू सिद्ध बाबा का मंदिर स्थित है, यहां हर रोज हजारों लोग पूजा-अर्चना करते आते हैं। कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी शहर का रक्षक माना जाता है, हर कोई मंदिर के आसपास से गुजरने वाला व्यक्ति कालू साई सिद्ध बाबा के मंदिर में एक बार दर्शन करने जरूर आता है।  मान्यता है कि मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है। कालू सिद्ध बाबा को कालू साई नाम से भी जाना जाता है, किसी भी शुभ कार्य से पहले श्रद्धालु कालू सिद्ध बाबा के दरबार में आकर आशीर्वाद मांगते हैं। बताया जाता है कि कालू सिद्ध बाबा मंदिर अंग्रेजों के शासन काल के वक्त से अस्तित्व में है, बताया जाता है कि दशकों पहले जब कालू सिद्ध बाबा हल्द्वा...

Top Pahadi Singers In Uttarakhand

हेल्लो दोस्तों.. स्वागत है आपका एक बार फिर से हमारी एक और नई पोस्ट के साथ।जिसमें हम बात करने वाले हैं उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक (popular singer) के बारे में। दोस्तों आपको बता दें की  बोली भाषा के अनुसार उत्तराखंड  मुख्यतः दो भागो से मिलकर बना है,जो ये हैं 1~ गढ़वाल क्षेत्र (गढ़वाल मंडल) 2~ कुमाऊं क्षेत्र ( कुमाऊं मंडल)   तो दोस्तों इसके अनुसार यहां के गीत गाने भी इसी प्रकार दो भाषाओं में गए जा सकते हैं। हालांकि यह दोनों लगभग समान ही है,इनमे अंतर वही कर सकता है जो उत्तराखंड  और यहां की बोली भाषा को अच्छे से जानता हो। दोस्तों पहले बात करते है गढ़वाली गायक(singers) की। 1- गढरत्न नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi)- दोस्तों नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के बहुत प्रमुख गायक हैं। जिनका जन्म पौड़ी गढ़वाल के पौड़ी गांव में हुआ था। इनके द्वारा गढ़वाली लोकगीत, संस्कृति,जागर ,और उत्तराखंड के सभी प्रकार के पारंपरिक गाने गाए गए हैं। इनके गानों की यह बड़ी विशेषता है की गाने के बोल एक विशेष सुख और शांति की अनुभूति करवाते है, जो किसी घटना या किसी जीवन में होने व...

भीमताल उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत झील

भीमताल उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत झील नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में भीमताल उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत झील के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे। यह सुंदर झील नैनीताल से 22 किलोमीटर की दूरी तथा समुद्र तल से 1370 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इस स्थान की दूरी भवाली से 11 किलोमीटर है। भीमताल की झील पर्यटकों के लिए बहुत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करती है। यह झील नैनीताल के झील से बडी है। पर्यटक यहॉ पर नौकायान का आन्नद ले सकते हैं। यहॉ का एक और आकर्षण झील के मध्य स्थित टापू पर बना मछलीघर है ।  पर्यटक इस मछलीघर पर नाव द्वारा आ जा सकते हैं। झील तट से टापू की दूरी 98 मीटर है। यहॉ पर सत्रवहीं शताब्दी का बना भगवान भीमेश्वर महादेव का मंदिर है। इसी के परिसर से लगा हुआ 40 फीट ऊंचा बांध भी है जोकि भीमताल झील के स्वरूप को बानाता है तथा सिंचाई कार्य में मदद करता है। इसी के पास बस स्टेशन एवं टैक्सी स्टेशन हैं। यहॉ से एक सडक नौकुचियाताल एवं जंगलियागॉंव को जाती है तथा दूसरी काठगोदाम को जाती है। इस झील के मध्य विद्यमान एक छोटे से द्वीप ने तो इस झील के सौंद...