उत्तराखंड ऊर्जा परिदृश्य उत्तराखण्ड में प्रचुर मात्रा में जल की उपलब्धि राज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण वरदान है। कई महत्त्वपूर्ण नदियाँ हिमाचल में बने ग्लेशियरों से निकलकर इस क्षेत्र में बहती हैं। यहाँ परियोजनाएं स्थापित कर बड़ी मात्रा में बिजली पैदा करने के सुअवसर प्राप्त हैं। उत्तराखंड राज्य में ऊर्जा उत्पादन क्षमता एवं विकास- वर्तमान में मात्र अधिकतम क्षमता 1,310,25 मेगावाट है, जबकि सिंचाई विभाग के एक अध्ययन के अनुसार गढ़वाल में 15,000 तथा कुमाऊँ में 5,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रतिवर्ष किया जा सकता है। बिजली पैदा करने की क्षमता 4,812.11 मेगावाट है। उत्तराखण्ड की नई सरकार इस प्रदेश में उपलब्ध जल संसाधनों का सही उपयोग कर सकी, तो उत्तराखण्ड को प्रतिवर्ष विद्युत से 1.74 खरब की आय होगी, जो उत्तराखण्ड के बहुआयामी विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। वर्ष 2009 में विद्युतीकृत ग्रामों का कुल आबाद ग्रामों से प्रतिशत 77.44 था, जो प्रदेश के औसत 75.93 % से थोड़ा अधिक है। कृषि क्षेत्र में विद्युत ऊर्जा का उपभोग पर्वतीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा बहुत कम है। वर्ष 1993-94 में क...
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