उत्तराखंड का बेहद खास दुर्लभ देववृक्ष 'पयां पौधा' के औषधीय महत्व क्या हैं। नमस्कार दोस्तों आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड का बेहद खास दुर्लभ देववृक्ष 'पयां पौधा' के औषधीय महत्व के बारे में बताएंगे। उत्तराखंड का बेहद खास वृक्ष है पयां जिसे हिन्दी में पदम और अंग्रेजी में Himalayan wild cherry कहते हैं। धार्मिक कार्यो में इस पेड़ का काफी उपयोग किया जाता है। पयां हिमालयी क्षेत्र का प्रमुख वृक्ष है जो 1400 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता हैं। पयां के हिंदी में कई नाम हैं, जैसे- पदम, पदमकाष्ठ, पदमाका, पदमकाठ, पदमक, पाजिया, फाजा आदि कहा जाता हैं। संस्कृत में पयां के पदमक, पदमगन्धि, चारु आदि नाम हैं। उत्तराखंड की स्थानीय भाषा में इसे पयां, पैंयु और फ्यो के नाम से जाना जाता हैं। पयां का वानस्पतिक नाम Prunus cerasoides है। यह Rosaceae वंश का पौधा है। पयां के पेड़ की लंबाई लगभग 30 मीटर तक होती हैं, पयां का पेड़ उत्तराखंड के अलावा कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, भूटान, सिक्किम, असम के अकाइ और खासिया पहाड़ियों, मणिपुर, म्यांमा, पश्चिमी चीन आदि क्षेत्रों में भी पाया जाता है। उत्त...
www.jayuttarakhandi.com