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आरती शीतला माता जी की | Aarti Shitla Mata Ji Ki

आरती शीतला माता जी की | Aarti Shitla Mata Ji Ki जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,  आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता ॥ जय  रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता,  ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता ॥ जय  विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,  वेद पुराण यश बरणत पार नहीं पाता ॥ जय इंद्र मृदंग बजावत चंद्र वीणा हाथा,   सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता ॥ जय  घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,  करै भक्त जन आरति लखि लखि हरसाता ॥ जय  ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,  भक्तन को सुख देनी मातु पिता भ्राता ॥ जय  जो भी ध्यान लगावै प्रेम भक्ति लाता,  सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता ॥ जय  रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,  कोढ़ी पावे निर्मल काया, अंध नेत्र पाता ॥ जय  बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,  तुमको भजै जो नाहीं, सिर धुनि पछिताता ॥ जय  शीतल करती जननी, तूही है जग त्राता,  उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता ॥ जय  दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,  भक्ति आपनी दीजै और न कछु भाता ॥ जय...

उत्तराखंड का ऐतिहासिक मंदिर लक्ष्मण लोकपाल मंदिर | Lakshman Lokpaal Mandir Uttarakhand

उत्तराखंड का ऐतिहासिक मंदिर लक्ष्मण लोकपाल मंदिर | Lakshman Lokpaal Mandir Uttarakhand नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिर लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के बारे में बताएंगे। उत्तराखंड का लक्ष्मण लोकपाल मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में हेमकुंड साहिब के समीप ( 15,200 ft) की ऊचाई पर स्थित हैं। हेमकुंड साहिब की बर्फिली वादियों में लक्ष्मण मंदिर बसा हुआ है, लक्ष्मण जी श्री राम के भ्राता। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लक्ष्मण ने अपने भाई श्री राम के साथ 14 साल का वनवास काटा था।  लक्ष्मण लोकपाल मंदिर का इतिहास- हेमकुंड साहिब की बर्फिली वादियों में बसा लक्ष्मण मंदिर को लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। अगर पौराणिक मान्यता की मानें तो कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस स्थान पर जहां आज मंदिर स्थापित हैं, वहां शेषनाग ने तपस्या की थी। जिसके बाद उन्हें द्वापर युग में राजा दशरथ के यहां लक्ष्मण के रूप में जन्म मिला था।  एक अन्य मान्यता के मुताबिक, यह मंदिर...

श्री महालक्ष्मी मंदिर बेरी पड़ाव, लालकुआं | Shri Mahalakshmi Mandir Hindu Temple, Beri Padav, Haldwani Rd, Lalkuan, Uttarakhand

श्री महालक्ष्मी मंदिर बेरी पड़ाव, लालकुआं | Shri Mahalakshmi Mandir Hindu Temple, Beri Padav, Haldwani Rd, Lalkuan, Uttarakhand नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर बेरी पड़ाव, लालकुआं | Shri Mahalakshmi Mandir Lalkuan के बारे में बताएंगे। अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बेरी पड़ाव लालकुआं हल्द्वानी में स्थित है। मंदिर लगभग वर्ष 2004 साल पहले बनाया गया था। मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। मंदिर बहुत सुंदर और अद्भुत है। कई भक्त यहां आते हैं और देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद लेते हैं।  अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मन्दिर की स्थापना तपस्वती सन्त एवं महामण्डलेश्वर श्री-श्री 1008 बालकृष्ण यति महाराज द्वारा कराई गयी थी। इसलिए इसे बालकृष्ण यतिधाम भी कहा जाता है। वर्ष 2004 में भूमि पूजन के साथ ही इस मन्दिर की नींव पड़ गयी थी। लेकिन मन्दिर एवं आश्रम परिसर का निर्माण 2005-2006 में किया गया। इसी क्रम में 20 अप्रैल 2007 को अष्टादश भुजा महालक्ष्मी देवी की ...

पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर | चम्पावत उत्तराखंड | पूण्यगिरि मंदिर | Purnagiri Mandir Champawat Uttarakhand

पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर | चम्पावत उत्तराखंड | पूण्यगिरि मंदिर | Purnagiri Mandir Champawat Uttarakhand नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड में स्थित पूर्णागिरि मंदिर के बारे में बताएंगे। पूर्णागिरि मंदिर काली नदी के तट पर स्थित है और इसे पूण्यगिरि के रूप में भी जाना जाता है। यह भक्ति पीठ, मलकागिरि, कालीकागिरि एवं हिमलागिरि इन सभी पीठों में प्रमुख स्थान रखता है। पूर्णागिरि पर्वत के सबसे ऊंचे शीर्ष से काली नदी के विस्तार को नेपाल होते हुए देखा जा सकता है। पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखण्ड- माँ पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले में काली नदी के दांये किनारे पर स्थित है। चीन, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से घिरे सामरिक दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण चम्पावत ज़िले के प्रवेशद्वार टनकपुर से 20 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ माँ भगवती की 108 सिद्धपीठों में से एक है। उत्तराखण्ड के जिले चम्पावत के टनकपुर के पर्वतीय अंचल में स्थित अन्नपूर्णा चोटी के शिखर में लगभग 3000 फीट की उंचाई पर यह शक्तिपीठ पूर्णा...

अटरिया माता मंदिर रुद्रपुर, उत्तराखंड | Atariya Mata Mandir Rudrapur, Uttarakhand

अटरिया माता मंदिर रुद्रपुर, उत्तराखंड | Atariya Mata Mandir Rudrapur, Uttarakhand नमस्कार दोस्तों स्वागत है, आपका हमारे जय उत्तराखंडी समुदाय में आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में रुद्रपुर शहर में स्थित अटरिया माता मंदिर के बारे में बताएंगे। अटरिया माता मंदिर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर में जगतपुरा रम्पुरा में स्थित हैं। अटरिया मंदिर देवी अटारी को समर्पित हैं। अटरिया मंदिर एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। यहां पर स्थानीय लोगों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के सुदूरक्षेत्रों के श्रद्धालु भी आकर पूजा अर्चना करते हैं। इस क्षेत्र के थारू व बुक्सा जनजाति के लोग विवाह के उपरान्त नवदम्पत्ति को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने तथा देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिये अवश्य यहां लाते हैं। मंदिर परिसर में इस प्रमुख मंदिर के अतिरिक्त माँ शीतला, भद्रकाली, माँ सरस्वती, भगवान शिव, भैरव आदि के छोटे - छोटे देवालय भी हैं। कल्याणी नदी के किनारे माँ अटरिया धाम की पुनर्स्थापना करने वाले राजा रुद्र चंद्र के नाम पर ही तराई...

श्री अम्बे जी की आरती | Shree Abme Ji Ki Aarti

श्री अम्बे जी की आरती | Shree Abme Ji Ki Aarti जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।  तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ जय. ॥  माँग सिन्दूर विराजत, टीकौ मृगमद को ।  उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्र वदन नीको ॥ जय. ॥   कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे ।  रक्त पुष्प गलमाला, कण्ठन पर साजे ॥ जय. ॥  केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।  सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी ॥ जय. ॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।  कोटिक चंद्र दिवाकर, राजत सम ज्योती ॥ जय. ॥  शुम्भ निशुम्भ विदारे, महिषासुर घाती ।  धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती ॥ जय. ॥  चण्ड मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।  मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ जय. ॥  ब्रह्माणी रुद्राणी मैया, तुम कमला रानी ।  आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ जय. ॥  चौंसठ योगिनि गावत, नृत्य करत भैरुँ ।  बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु ॥ जय. ॥  तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता ।  भक्तन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ॥ जय. ॥  भुजा चार अति शोभित, वरमुद्रा धारी...

आरती श्री नैना देवी जी की | Aarti Shree Naina Devi Ji Ki

आरती श्री नैना देवी जी की | Aarti Shree Naina Devi Ji Ki तेरा अद्भुत रूप निराला, आजा! मेरी नैना माई ए ।  तुझपै तन मन धन सब वारूं, आजा मेरी नैना माई ए । सुंदर भवन बनाया तेरा, तेरी शोभा न्यारी ।  नीके नीके खंभे लागे, अद्भुत चित्तरकारी ।  तेरा रंग बिरंगा द्वारा ॥ आजा......  झांझा और मिरदंग बाजे, और बाजे शहनाई ।  तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे, तबला शब्द सुनाई ।  तेरे द्वारे नौबत बाजे ॥ आजा.....  पीला चोला जरद किनारी, लाल ध्वजा फहराए ।  सिर लालों दा मुकुट विराजे, निगाह नहिं ठहराए ।  तेरा रूप न वरना जाए ॥ आजा.....  पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट तिहारी लागे ।  बालक बूढ़े नर नारी की, भीड़ खड़ी तेरे आगे ।  तेरी जय जयकार मनावे ॥ आजा.....  कोई गाए कोई बजाए, कोई ध्यान लगाए ।  कोई बैठा तेरे आंगन में, नाम की टेर सुनाए ।  कोई नृत्य करे तेरे आगे ॥ आजा.....  कोई मांगे बेटा बेटी, किसी को कंचन माया । कोई मांगे जीवन साथी, कोई सुंदर काया ।  भक्तां कृपा तेरी मांगे ॥ आजा...... जय नैना देवी मैया।।